प्रकाशकीय
हमारे सामाजिक तथा रुष्ट्रीय जीवन में त्योहारों और पर्वो का विशेष महत्त्व रहा है। आज भी है। सभी धर्मों और जातियों में विभिन्न उत्सवों और त्योहारों को बड़ी उच्च। से मनाया जाता है और व्रतों को गहरी भावना के साथ-साथ रखा जाता है।
इस पुस्तक में उन व्रतों, त्योहारों तथा पर्वों का परिचय दिया गया है, जिनका समय-समय पर आयोजन किया जाता है और जो प्राचीन काल से भारतीय समाज में प्रचलित और मान्य रहे हैं प्रत्येक त्योहार की उत्पत्ति, उसके मनाने की विधि, उसका महत्त्व और उससे सम्बद्ध कथा पर धार्मिक तथा राष्ट्रीय दृष्टि से विचार किया गया है।
पुस्तक की भाषा बड़ी ही सरल और सुबोध है। सामान्य पढ़े-लिखे व्यक्ति भी इसे आसानी से समझ सकते हैं।
हमें पूर्ण विश्वास है कि भारतीय समाज में पुस्तक को यथेष्ट आदर मिलेगा और प्रत्येक परिवार के सदस्य इसे पढ़कर लाभान्वित होंग।
अनुक्रम |
|||
1 |
मकरसंक्राति |
मकर-संक्रान्ति |
7 |
2 |
मौनी अमावस्या |
माघ अमावस्या |
8 |
3 |
वसन्त-पंचमी |
माघ-शुक्ल पंचमी |
9 |
4 |
शीतला-षष्ठी |
माघ-शुक्ल षष्ठी |
10 |
5 |
अचला सप्तमी |
माघ-शुक्ल सप्तमी |
11 |
6 |
भीष्माष्टमी |
माघ-शुक्ल अष्टमी |
12 |
7 |
महाशिवरात्रि |
फाल्गुन-कृष्ण त्रयोदशी |
14 |
8 |
होलिका-दहन |
फाल्गुनी पूर्णिमा |
17 |
9 |
भैयादूज |
चैत्र-कृष्ण द्वितीया |
19 |
10 |
तिसुआ सोमवार |
चैत्र-कृष्ण मास |
24 |
11 |
अरुन्धती व्रत |
चैत्र-शुक्ल मास |
31 |
12 |
गनगौर व्रत |
चैत्र-शुक्ल तृतीया |
32 |
13 |
शीतला अष्टमी |
चेत्र-अष्टमी |
35 |
14 |
नवसंवत्सर प्रतिपदा |
चैत्र-शुक्ल प्रतिपदा |
38 |
15 |
रामनवमी |
चैत्र-शुक्ल नवमी |
39 |
16 |
पजूनो पूनो व्रत |
चेत्र-शुक्ल पूर्णिमा |
40 |
17 |
अक्षय तृतीया व्रत |
वैशाख-शुक्ल तृतीया |
46 |
18 |
आसमाई का पूजन |
वैशाख-शुक्ल मास |
47 |
19 |
नृसिंह चतुर्दशी |
वैशाख-शुक्ल चतुर्दशी |
52 |
20 |
वट-सावित्री व्रत |
ज्येष्ठ-कृष्ण तेरस |
54 |
21 |
गंगा दशहरा |
ज्येष्ठ-शुक्ल दशमी |
60 |
22 |
निर्जला एकादशी |
ज्येष्ठ-शुक्ल एकादशी |
63 |
23 |
रथ-यात्रा |
आषाढ़-शुक्ल द्वितीया |
64 |
24 |
हरिशयनी एकादशी |
आषाढ़-शुक्ल एकादशी |
65 |
25 |
व्यास पूर्णिमा |
आषाढ़-पूर्णिमा |
66 |
26 |
नाग-पंचमी |
श्रावण-शुक्ल पंचमी |
67 |
27 |
श्रावणी और रक्षा-बन्धन |
श्रावणी-पूर्णिमा |
68 |
28 |
कजरी की नवमी |
श्रावणी-पूर्णिमा |
70 |
29 |
हल-षष्ठी या हरछट |
भाद्र-कृष्ण षष्ठी |
74 |
30 |
जन्माष्टमी |
भाद्र-कृष्ण अष्टमी |
77 |
31 |
गाजबीज की पूजा |
भाद्र-शुक्ल द्वितीया |
81 |
32 |
हरतालिका व्रत |
भाद्र-शुक्ल तृतीया |
82 |
33 |
गणेश-चतुर्थी |
भाद्र-शुक्ल चतुर्थी |
86 |
34 |
सिद्धि विनायक व्रत |
भाद्र-शुक्ल चतुर्थी |
89 |
35 |
कपर्दि विनायक व्रत |
भाद्र-शुक्ल चतुर्थी |
93 |
36 |
ऋषि चतुर्दशी |
भाद्र-शुक्ल पंचमी |
95 |
37 |
सन्तान-सप्तमी व्रत |
भाद्र-शुक्ल सप्तमी |
98 |
38 |
अनन्त चतुर्दशी |
भाद्र-शुक्ल चतुर्दशी |
102 |
39 |
जवित्पुत्रिका व्रत |
आश्विन-कृष्ण |
103 |
40 |
महालक्ष्मी पूजन |
अष्टमी-आश्विन-कृष्ण |
104 |
41 |
महालया |
अष्टमी-आश्विन-अमावस्या |
106 |
42 |
नवरात्रि |
आश्विन-शुक्ल नवमी |
107 |
43 |
विजया-दशमी |
आश्विन-शुक्ल दशमी |
114 |
44 |
करवा चतुर्थी व्रत |
कार्तिक-कृष्ण चतुर्थी |
116 |
45 |
अहोई आठें |
कार्तिक-कृष्ण अष्टमी |
117 |
46 |
बछवांछ व्रत |
कार्तिक-कृष्ण द्वादशी |
118 |
47 |
धनतेरस |
कार्तिक-कृष्ण त्रयोदशी |
119 |
48 |
नरक-चतुर्दशी |
कार्तिक-कृष्ण चतुर्दशी |
121 |
49 |
लक्ष्मी पूजन (दीपावली) |
कार्तिक-अमावस्या |
122 |
50 |
अन्नकूट |
कार्तिक-शुक्ल प्रतिपदा |
124 |
51 |
भ्रातृ-द्वितीया |
कार्तिक-शुक्ल द्वितीया |
127 |
52 |
सूर्य-षष्ठी व्रत |
कार्तिक-शुक्ल षष्ठी |
128 |
53 |
देवोत्थान एकादशी |
कार्तिक-शुक्ल एकादशी |
129 |
54 |
तुलसी विवाह |
कार्तिक-शुक्ल एकादशी |
129 |
55 |
भीष्म-पंचक |
कार्तिक-शुक्ल एकादशी |
131 |
56 |
कार्तिक-पूर्णिमा |
कार्तिक-पूर्णिमा |
131 |
57 |
कालभैरवी अष्टमी |
मार्गशीर्ष-कृष्ण अष्टमी |
133 |
58 |
दत्तात्रेय जन्मोत्सव |
मार्गशीर्ष-कृष्ण दशमी |
133 |
59 |
औसान बीबी की पूजा |
कार्तिक-स्नानान्तर |
136 |
60 |
प्रदोष व्रत |
प्रत्येक मास की त्रयोदशी |
139 |
61 |
सातों वार के व्रत |
क्रमश : सात दिन |
140 |
62 |
श्रीसत्यनारायण व्रत |
किसी भी शुभ दिन |
154 |
63 |
दशारानी का व्रत |
किसी भी शुभ दिन |
161 |
64 |
और समाज का जन्म और उत्सव 10 अप्रैल, 1885 |
200 |
प्रकाशकीय
हमारे सामाजिक तथा रुष्ट्रीय जीवन में त्योहारों और पर्वो का विशेष महत्त्व रहा है। आज भी है। सभी धर्मों और जातियों में विभिन्न उत्सवों और त्योहारों को बड़ी उच्च। से मनाया जाता है और व्रतों को गहरी भावना के साथ-साथ रखा जाता है।
इस पुस्तक में उन व्रतों, त्योहारों तथा पर्वों का परिचय दिया गया है, जिनका समय-समय पर आयोजन किया जाता है और जो प्राचीन काल से भारतीय समाज में प्रचलित और मान्य रहे हैं प्रत्येक त्योहार की उत्पत्ति, उसके मनाने की विधि, उसका महत्त्व और उससे सम्बद्ध कथा पर धार्मिक तथा राष्ट्रीय दृष्टि से विचार किया गया है।
पुस्तक की भाषा बड़ी ही सरल और सुबोध है। सामान्य पढ़े-लिखे व्यक्ति भी इसे आसानी से समझ सकते हैं।
हमें पूर्ण विश्वास है कि भारतीय समाज में पुस्तक को यथेष्ट आदर मिलेगा और प्रत्येक परिवार के सदस्य इसे पढ़कर लाभान्वित होंग।
अनुक्रम |
|||
1 |
मकरसंक्राति |
मकर-संक्रान्ति |
7 |
2 |
मौनी अमावस्या |
माघ अमावस्या |
8 |
3 |
वसन्त-पंचमी |
माघ-शुक्ल पंचमी |
9 |
4 |
शीतला-षष्ठी |
माघ-शुक्ल षष्ठी |
10 |
5 |
अचला सप्तमी |
माघ-शुक्ल सप्तमी |
11 |
6 |
भीष्माष्टमी |
माघ-शुक्ल अष्टमी |
12 |
7 |
महाशिवरात्रि |
फाल्गुन-कृष्ण त्रयोदशी |
14 |
8 |
होलिका-दहन |
फाल्गुनी पूर्णिमा |
17 |
9 |
भैयादूज |
चैत्र-कृष्ण द्वितीया |
19 |
10 |
तिसुआ सोमवार |
चैत्र-कृष्ण मास |
24 |
11 |
अरुन्धती व्रत |
चैत्र-शुक्ल मास |
31 |
12 |
गनगौर व्रत |
चैत्र-शुक्ल तृतीया |
32 |
13 |
शीतला अष्टमी |
चेत्र-अष्टमी |
35 |
14 |
नवसंवत्सर प्रतिपदा |
चैत्र-शुक्ल प्रतिपदा |
38 |
15 |
रामनवमी |
चैत्र-शुक्ल नवमी |
39 |
16 |
पजूनो पूनो व्रत |
चेत्र-शुक्ल पूर्णिमा |
40 |
17 |
अक्षय तृतीया व्रत |
वैशाख-शुक्ल तृतीया |
46 |
18 |
आसमाई का पूजन |
वैशाख-शुक्ल मास |
47 |
19 |
नृसिंह चतुर्दशी |
वैशाख-शुक्ल चतुर्दशी |
52 |
20 |
वट-सावित्री व्रत |
ज्येष्ठ-कृष्ण तेरस |
54 |
21 |
गंगा दशहरा |
ज्येष्ठ-शुक्ल दशमी |
60 |
22 |
निर्जला एकादशी |
ज्येष्ठ-शुक्ल एकादशी |
63 |
23 |
रथ-यात्रा |
आषाढ़-शुक्ल द्वितीया |
64 |
24 |
हरिशयनी एकादशी |
आषाढ़-शुक्ल एकादशी |
65 |
25 |
व्यास पूर्णिमा |
आषाढ़-पूर्णिमा |
66 |
26 |
नाग-पंचमी |
श्रावण-शुक्ल पंचमी |
67 |
27 |
श्रावणी और रक्षा-बन्धन |
श्रावणी-पूर्णिमा |
68 |
28 |
कजरी की नवमी |
श्रावणी-पूर्णिमा |
70 |
29 |
हल-षष्ठी या हरछट |
भाद्र-कृष्ण षष्ठी |
74 |
30 |
जन्माष्टमी |
भाद्र-कृष्ण अष्टमी |
77 |
31 |
गाजबीज की पूजा |
भाद्र-शुक्ल द्वितीया |
81 |
32 |
हरतालिका व्रत |
भाद्र-शुक्ल तृतीया |
82 |
33 |
गणेश-चतुर्थी |
भाद्र-शुक्ल चतुर्थी |
86 |
34 |
सिद्धि विनायक व्रत |
भाद्र-शुक्ल चतुर्थी |
89 |
35 |
कपर्दि विनायक व्रत |
भाद्र-शुक्ल चतुर्थी |
93 |
36 |
ऋषि चतुर्दशी |
भाद्र-शुक्ल पंचमी |
95 |
37 |
सन्तान-सप्तमी व्रत |
भाद्र-शुक्ल सप्तमी |
98 |
38 |
अनन्त चतुर्दशी |
भाद्र-शुक्ल चतुर्दशी |
102 |
39 |
जवित्पुत्रिका व्रत |
आश्विन-कृष्ण |
103 |
40 |
महालक्ष्मी पूजन |
अष्टमी-आश्विन-कृष्ण |
104 |
41 |
महालया |
अष्टमी-आश्विन-अमावस्या |
106 |
42 |
नवरात्रि |
आश्विन-शुक्ल नवमी |
107 |
43 |
विजया-दशमी |
आश्विन-शुक्ल दशमी |
114 |
44 |
करवा चतुर्थी व्रत |
कार्तिक-कृष्ण चतुर्थी |
116 |
45 |
अहोई आठें |
कार्तिक-कृष्ण अष्टमी |
117 |
46 |
बछवांछ व्रत |
कार्तिक-कृष्ण द्वादशी |
118 |
47 |
धनतेरस |
कार्तिक-कृष्ण त्रयोदशी |
119 |
48 |
नरक-चतुर्दशी |
कार्तिक-कृष्ण चतुर्दशी |
121 |
49 |
लक्ष्मी पूजन (दीपावली) |
कार्तिक-अमावस्या |
122 |
50 |
अन्नकूट |
कार्तिक-शुक्ल प्रतिपदा |
124 |
51 |
भ्रातृ-द्वितीया |
कार्तिक-शुक्ल द्वितीया |
127 |
52 |
सूर्य-षष्ठी व्रत |
कार्तिक-शुक्ल षष्ठी |
128 |
53 |
देवोत्थान एकादशी |
कार्तिक-शुक्ल एकादशी |
129 |
54 |
तुलसी विवाह |
कार्तिक-शुक्ल एकादशी |
129 |
55 |
भीष्म-पंचक |
कार्तिक-शुक्ल एकादशी |
131 |
56 |
कार्तिक-पूर्णिमा |
कार्तिक-पूर्णिमा |
131 |
57 |
कालभैरवी अष्टमी |
मार्गशीर्ष-कृष्ण अष्टमी |
133 |
58 |
दत्तात्रेय जन्मोत्सव |
मार्गशीर्ष-कृष्ण दशमी |
133 |
59 |
औसान बीबी की पूजा |
कार्तिक-स्नानान्तर |
136 |
60 |
प्रदोष व्रत |
प्रत्येक मास की त्रयोदशी |
139 |
61 |
सातों वार के व्रत |
क्रमश : सात दिन |
140 |
62 |
श्रीसत्यनारायण व्रत |
किसी भी शुभ दिन |
154 |
63 |
दशारानी का व्रत |
किसी भी शुभ दिन |
161 |
64 |
और समाज का जन्म और उत्सव 10 अप्रैल, 1885 |
200 |