डॉ. मधुकर आनंद का जन्म पटना में १४ अप्रैल १९६४ को हुआ! आपने परम्परागत कत्थक नृत्य की शिक्षा अपने पिता पं. बलराम लाल एवं तत्पश्चात पं. बिरजू महाराज जी से प्राप्त की! आपने मात्र ७ वर्ष की आयु में ही अपना प्रथम सार्वजनिक कार्यक्रम किया जो की श्रोताओं द्वारा काफी सराहा गया! डॉ. मधुकर आनंद को कई प्रतिष्ठित राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय सम्मानो द्वारा अलंकृत किया है, जिसमें श्रृंगारमणी, नृत्यश्री, नर्तन सरस्वम् महाकाल सम्मान, चित्रांश कला रत्न, नृत्य शिरोमणि , संगीत कला रत्न, महाकाल संगीत रत्न, भोरमदेव सम्मान एवं लाहरी सम्मान इत्यादि प्रमुख है! साथ ही फेडरेशन आफ इंडो-अमेरिकन, एसोसिएशन आफ नार्दन केलिफोर्निआ , यू.एस.ए. द्वारा मधुकरजी को कत्थक नृत्य के क्षेत्र में भारत का संस्कृत राजदूत, घोषित किया गया! इन्होनें न केवल अमेरिका बल्कि स्विट्जरलैंड, जर्मनी, इटली स्पेन, ब्रिटेन ,जापान, फ्रांस रूस केन्या इथोपिया, जाम्बिया इत्यादि देशो में भी अपने प्रदर्शन से अपने देश का गौरव बढ़ाया! आपने अपने नृत्य से जिन संगीत समारोहों की शोभा बढ़ाई उनमें कुछ के नाम इस प्रकार है स्वर साधना संगीत समेलन, मुंबई, कल के कलाकार समेलन, प्रयाग संगीत समिति संगीत समारोह, संकटमोचन संगीत समारोह, स्वामी हरिदास संगीत सम्मलेन, उस्ताद अल्लाउद्दीन खान फेस्टिवल (भोपाल), महाराज कालका बिंददीन कत्थक समारोह (दिल्ली), अंतराष्ट्रीय बैले फेस्टिवल (दिल्ली), सूर्या फेस्टिवल (त्रिबेन्द्रम), नेशनल प्रोग्राम आफ डांस, दूरदर्शन (दिल्ली)बिन्दादीन महोत्सव, खेरागढ़, विश्वविद्यालय, महाकालेश्वर उत्सव (उज्जैन), तानसेन समारोह (कोलकाता) कृष्णकांत सभा डांस फेस्टिवल (चेन्नई), बुध्द महोत्सव (बोधगया), राजगीर नृत्य महोत्सव(राजगीत) इत्यादि आपको सन १९९७ में बिहार संगीत नाटक अकादेमी का उपाध्यक्ष बनाया गया तथा भारत सरकार के विभिन्न सांस्कृतिक क्रिया कलापों के निर्णायक मंडल में नियुक्त किया गया था! आपने कृष्णा एवं गीत गोविन्द टी बी सीरियल की शोभा बढ़ाई! इसके साथ ही साहित्य कला परिषद दिल्ली १९९१ , NCZCC इलाहाबाद १९९८, मिथिला चेतना परिषद आसनसोल २००४, इंडियन अस्सोसिएशनऑफ बोस्त्वना १९९७, हिन्दू कौंसिल ऑफ़ केन्या १९९७ द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गए!
डॉ. मधुकर आनंद का जन्म पटना में १४ अप्रैल १९६४ को हुआ! आपने परम्परागत कत्थक नृत्य की शिक्षा अपने पिता पं. बलराम लाल एवं तत्पश्चात पं. बिरजू महाराज जी से प्राप्त की! आपने मात्र ७ वर्ष की आयु में ही अपना प्रथम सार्वजनिक कार्यक्रम किया जो की श्रोताओं द्वारा काफी सराहा गया! डॉ. मधुकर आनंद को कई प्रतिष्ठित राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय सम्मानो द्वारा अलंकृत किया है, जिसमें श्रृंगारमणी, नृत्यश्री, नर्तन सरस्वम् महाकाल सम्मान, चित्रांश कला रत्न, नृत्य शिरोमणि , संगीत कला रत्न, महाकाल संगीत रत्न, भोरमदेव सम्मान एवं लाहरी सम्मान इत्यादि प्रमुख है! साथ ही फेडरेशन आफ इंडो-अमेरिकन, एसोसिएशन आफ नार्दन केलिफोर्निआ , यू.एस.ए. द्वारा मधुकरजी को कत्थक नृत्य के क्षेत्र में भारत का संस्कृत राजदूत, घोषित किया गया! इन्होनें न केवल अमेरिका बल्कि स्विट्जरलैंड, जर्मनी, इटली स्पेन, ब्रिटेन ,जापान, फ्रांस रूस केन्या इथोपिया, जाम्बिया इत्यादि देशो में भी अपने प्रदर्शन से अपने देश का गौरव बढ़ाया! आपने अपने नृत्य से जिन संगीत समारोहों की शोभा बढ़ाई उनमें कुछ के नाम इस प्रकार है स्वर साधना संगीत समेलन, मुंबई, कल के कलाकार समेलन, प्रयाग संगीत समिति संगीत समारोह, संकटमोचन संगीत समारोह, स्वामी हरिदास संगीत सम्मलेन, उस्ताद अल्लाउद्दीन खान फेस्टिवल (भोपाल), महाराज कालका बिंददीन कत्थक समारोह (दिल्ली), अंतराष्ट्रीय बैले फेस्टिवल (दिल्ली), सूर्या फेस्टिवल (त्रिबेन्द्रम), नेशनल प्रोग्राम आफ डांस, दूरदर्शन (दिल्ली)बिन्दादीन महोत्सव, खेरागढ़, विश्वविद्यालय, महाकालेश्वर उत्सव (उज्जैन), तानसेन समारोह (कोलकाता) कृष्णकांत सभा डांस फेस्टिवल (चेन्नई), बुध्द महोत्सव (बोधगया), राजगीर नृत्य महोत्सव(राजगीत) इत्यादि आपको सन १९९७ में बिहार संगीत नाटक अकादेमी का उपाध्यक्ष बनाया गया तथा भारत सरकार के विभिन्न सांस्कृतिक क्रिया कलापों के निर्णायक मंडल में नियुक्त किया गया था! आपने कृष्णा एवं गीत गोविन्द टी बी सीरियल की शोभा बढ़ाई! इसके साथ ही साहित्य कला परिषद दिल्ली १९९१ , NCZCC इलाहाबाद १९९८, मिथिला चेतना परिषद आसनसोल २००४, इंडियन अस्सोसिएशनऑफ बोस्त्वना १९९७, हिन्दू कौंसिल ऑफ़ केन्या १९९७ द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गए!