निवेदन
आत्माका कल्याण या परमात्मप्राप्ति, पाप ताप ग्रस्त इस मनुष्य शरीरसे कैसे और किन साधनोंद्वारा सम्भव है? ऐसी ही विशेष, गूढतम और कामकी बातें परम श्रद्धेय जीवमुक्त ब्रह्मलीन श्रीजयदयालजी गोयन्दकाद्वारा बड़ी सरल, सुबोध भाषामें प्रस्तुत पुस्तकमें समझायी गयी हैं । तत्त्वज्ञ मनीषी (लेखक) के इन अप्रकाशित, बहुमूल्य और मार्मिक प्रवचनोंको पुराने कैसेटोंसे लेखबद्ध करके आप सबकी सेवामें रखते हुए हमें अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है ।
पुस्तकके सात लेखोंमें उच्चकोटिकी साधनोपयोगी, माननीय सामग्रीसहित, आध्यात्मिक दिशा निर्देश और जीवनमें उतारने योग्य ऐसे विलक्षण भाव और प्रेरक कल्याणकारी बातें हैं, जिनके धारणसे परमात्मप्राप्ति इसी जन्ममें हो सकती है । अतएव सभी प्रेमी पाठकों, जिज्ञासुओं और साधक महानुभावोंसे इसके अधिकाधिक मनन अनुशीलनद्वारा विशेष लाभ उठानेकी हमारी विनम्र प्रार्थना है ।
विषय सूची |
||
1 |
इसी जन्ममें शीघ्र परमात्माकी प्राप्तिके लिये साधन |
5 |
2 |
महात्माओंके प्रभाव और रहस्य |
30 |
3 |
आत्मोद्धारके लिये अपनी बुद्धिके अनुसार साधन करना |
42 |
4 |
दामी भजन ध्यानका स्वरूप और उसका उपाय |
74 |
5 |
अभिमान त्याग निष्काम भगवदर्थ कर्म |
94 |
6 |
निष्काम भावका प्रभाव तथा रहस्य |
114 |
7 |
मनुष्य जीवनकी अमोलकता |
136 |
निवेदन
आत्माका कल्याण या परमात्मप्राप्ति, पाप ताप ग्रस्त इस मनुष्य शरीरसे कैसे और किन साधनोंद्वारा सम्भव है? ऐसी ही विशेष, गूढतम और कामकी बातें परम श्रद्धेय जीवमुक्त ब्रह्मलीन श्रीजयदयालजी गोयन्दकाद्वारा बड़ी सरल, सुबोध भाषामें प्रस्तुत पुस्तकमें समझायी गयी हैं । तत्त्वज्ञ मनीषी (लेखक) के इन अप्रकाशित, बहुमूल्य और मार्मिक प्रवचनोंको पुराने कैसेटोंसे लेखबद्ध करके आप सबकी सेवामें रखते हुए हमें अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है ।
पुस्तकके सात लेखोंमें उच्चकोटिकी साधनोपयोगी, माननीय सामग्रीसहित, आध्यात्मिक दिशा निर्देश और जीवनमें उतारने योग्य ऐसे विलक्षण भाव और प्रेरक कल्याणकारी बातें हैं, जिनके धारणसे परमात्मप्राप्ति इसी जन्ममें हो सकती है । अतएव सभी प्रेमी पाठकों, जिज्ञासुओं और साधक महानुभावोंसे इसके अधिकाधिक मनन अनुशीलनद्वारा विशेष लाभ उठानेकी हमारी विनम्र प्रार्थना है ।
विषय सूची |
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1 |
इसी जन्ममें शीघ्र परमात्माकी प्राप्तिके लिये साधन |
5 |
2 |
महात्माओंके प्रभाव और रहस्य |
30 |
3 |
आत्मोद्धारके लिये अपनी बुद्धिके अनुसार साधन करना |
42 |
4 |
दामी भजन ध्यानका स्वरूप और उसका उपाय |
74 |
5 |
अभिमान त्याग निष्काम भगवदर्थ कर्म |
94 |
6 |
निष्काम भावका प्रभाव तथा रहस्य |
114 |
7 |
मनुष्य जीवनकी अमोलकता |
136 |