पुस्तक के विषय में
शातातप, गर्ग, पराशर, याज्ञवल्क्य आदि ऋषियों के द्वारा निर्दिष्ट शान्ति विधान सहित यह ग्रन्थ जन्म कुण्डली की नकारात्मकता और भाग्य को कमजोर करने वाले दोषों की पहचान की सरल तकनीक का खुलासा करता है। ऋषियों द्वारा बताए गए वैदिक उपायों का तार्किक प्रस्तुतिकरण करते हुए ऐसे उपाय बताए गए हैं जो करने में सरल, मामूली व्यय से सम्पन्न होने वाले किन्तु अनमोल हैं।
विषयानुक्रम |
||
1 |
प्रवेशक |
9 |
2 |
वर्ष एवं संवत्सर |
16 |
3 |
संवत्सर फल |
26 |
4 |
संवत्सर के दस अधिकारी |
41 |
5 |
अधिकारियों का फल |
56 |
6 |
संवत्सर प्रवेश व जगल्लग्न |
71 |
7 |
वर्षा व मौसम |
81 |
8 |
रोहिणीशकट भेदन नक्षत्र ग्रहयुति |
97 |
9 |
ग्रहों व नक्षत्रों का कारकत्व |
114 |
10 |
अधिक व क्षय मास |
122 |
11 |
संक्रान्ति: सूर्य का राश्यन्तरण |
133 |
12 |
ग्रहण और उनका प्रभाव |
147 |
13 |
कूर्मचक्र विचार |
171 |
14 |
ग्रहगोचर |
182 |
15 |
भूकम्प : घटना व प्रभाव |
195 |
16 |
विविध विषय |
214 |
पुस्तक के विषय में
शातातप, गर्ग, पराशर, याज्ञवल्क्य आदि ऋषियों के द्वारा निर्दिष्ट शान्ति विधान सहित यह ग्रन्थ जन्म कुण्डली की नकारात्मकता और भाग्य को कमजोर करने वाले दोषों की पहचान की सरल तकनीक का खुलासा करता है। ऋषियों द्वारा बताए गए वैदिक उपायों का तार्किक प्रस्तुतिकरण करते हुए ऐसे उपाय बताए गए हैं जो करने में सरल, मामूली व्यय से सम्पन्न होने वाले किन्तु अनमोल हैं।
विषयानुक्रम |
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1 |
प्रवेशक |
9 |
2 |
वर्ष एवं संवत्सर |
16 |
3 |
संवत्सर फल |
26 |
4 |
संवत्सर के दस अधिकारी |
41 |
5 |
अधिकारियों का फल |
56 |
6 |
संवत्सर प्रवेश व जगल्लग्न |
71 |
7 |
वर्षा व मौसम |
81 |
8 |
रोहिणीशकट भेदन नक्षत्र ग्रहयुति |
97 |
9 |
ग्रहों व नक्षत्रों का कारकत्व |
114 |
10 |
अधिक व क्षय मास |
122 |
11 |
संक्रान्ति: सूर्य का राश्यन्तरण |
133 |
12 |
ग्रहण और उनका प्रभाव |
147 |
13 |
कूर्मचक्र विचार |
171 |
14 |
ग्रहगोचर |
182 |
15 |
भूकम्प : घटना व प्रभाव |
195 |
16 |
विविध विषय |
214 |