पुस्तक परिचय
गीता की गहराई को समझना कठिन माना जाता है , इसका कारण यह है कि गीता के मूल पाठ में प्रकृति, पुरुष सत, असत, माया , ब्रह्मा, गुण, भूत, नित्य, विकार, काम आदि जिन शब्दों का प्रयोग हुआ है, उन शब्दों के अर्थ आज बदल गए है, इस कठिनाई को समझते हुए व्याख्याकार दयानंद वर्मा ने श्लोको के भावार्थ के साथ आज के सरल हिंदी में व्याख्या दी है | इससे गीता के सन्देश को समझना सुगम हो गया है |
पुस्तक परिचय
गीता की गहराई को समझना कठिन माना जाता है , इसका कारण यह है कि गीता के मूल पाठ में प्रकृति, पुरुष सत, असत, माया , ब्रह्मा, गुण, भूत, नित्य, विकार, काम आदि जिन शब्दों का प्रयोग हुआ है, उन शब्दों के अर्थ आज बदल गए है, इस कठिनाई को समझते हुए व्याख्याकार दयानंद वर्मा ने श्लोको के भावार्थ के साथ आज के सरल हिंदी में व्याख्या दी है | इससे गीता के सन्देश को समझना सुगम हो गया है |